Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2020 · 1 min read

धार्मिक अवधारणा और इंसानियत

इंसानी फितरत और धर्म
– – – – – – – – – – – – – – –
*इंसानियत की पहचान होते ही तो
सब *तथाकथित *धर्म सब गिर जायेंगे.

इन पाखंडियों का काम ही है.
इंसानी फितरत को जानने से रोके रखना है.

धर्म कुछ शातिर चालाक लोगों का *जमावडा है.
आपको क्या लगता है ये लोग
इतनी आसानी से *इंसानियत को जानने देंगे.

कदापि नहीं.
हर विचारक/दार्शनिक को इन्होने
पहले जहर देकर मारा है फिर
उनके पूजन का विधान है.
आत्मग्लानि महसूस करते हैं.

*जीवन-दर्शन कब से धर्म होने लग गया.
नाम लेना आवश्यक नहीं है.
समझ रखने वाले समझ ही जाते है.

पानी का रासायनिक फॉर्मूला
कभी प्यास नहीं बुझा सकता.

ज्ञान-विज्ञान खोज प्रकृति/अस्तित्व/जीव-जगत
की क्रियाओं को जानकर उपयोग करना.

आचार-विचार, व्यवहार, व्यवस्थाओं को थोपा नहीं जा सकता.
उन्हें जानना ही प्राथमिकता है..भागना भी हल नहीं.

~डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस ~

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 1 Comment · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
-- अंधभक्ति का चैम्पियन --
-- अंधभक्ति का चैम्पियन --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम रूबरू भी
तुम रूबरू भी
हिमांशु Kulshrestha
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधिकांश लोग बोल कर
अधिकांश लोग बोल कर
*Author प्रणय प्रभात*
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
Ranjeet kumar patre
कुछ तो बाक़ी
कुछ तो बाक़ी
Dr fauzia Naseem shad
"बरसात"
Dr. Kishan tandon kranti
ध्यान-उपवास-साधना, स्व अवलोकन कार्य।
ध्यान-उपवास-साधना, स्व अवलोकन कार्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पाई फागुन में गई, सिर्फ विलक्षण बात (कुंडलिया)
पाई फागुन में गई, सिर्फ विलक्षण बात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
Ajay Kumar Vimal
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Tlash
Tlash
Swami Ganganiya
मुश्किलों पास आओ
मुश्किलों पास आओ
Dr. Meenakshi Sharma
NUMB
NUMB
Vedha Singh
एक सपना
एक सपना
Punam Pande
"वादा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जीवन के गीत
जीवन के गीत
Harish Chandra Pande
ऋण चुकाना है बलिदानों का
ऋण चुकाना है बलिदानों का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...