Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 1 min read

धवल चाँदनी में हरित,

धवल चाँदनी में हरित,
हुए हृदय के घाव ।
खारे जल के नैन से,
छलके अविरल स्राव ।।

सुशील सरना / 25424

86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मन दुखित है अंदर से...
मन दुखित है अंदर से...
Ajit Kumar "Karn"
क्या तुम कभी?
क्या तुम कभी?
Pratibha Pandey
वह कुछ नहीं जानती
वह कुछ नहीं जानती
Bindesh kumar jha
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
Bidyadhar Mantry
*राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)*
*राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
इंतज़ार अच्छे दिन का ?
इंतज़ार अच्छे दिन का ?
Shyam Sundar Subramanian
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
परख और पारखी
परख और पारखी
Mahender Singh
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
Dr fauzia Naseem shad
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
Ram Mandir
Ram Mandir
Sanjay ' शून्य'
जय संविधान...✊🇮🇳
जय संविधान...✊🇮🇳
Srishty Bansal
"लट्टू"
Dr. Kishan tandon kranti
जय
जय
*प्रणय*
हम शरीर मन बुद्धि से परे जा सकते हैं, बस हमें साहस की आवश्कत
हम शरीर मन बुद्धि से परे जा सकते हैं, बस हमें साहस की आवश्कत
Ravikesh Jha
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
शेखर सिंह
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
दहलीज के पार 🌷🙏
दहलीज के पार 🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुझे भी अब उनकी फ़िक्र रहती है,
मुझे भी अब उनकी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा साया ही
मेरा साया ही
Atul "Krishn"
If you can't defeat your psyche,
If you can't defeat your psyche,
Satees Gond
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
भविष्य के सपने (लघुकथा)
भविष्य के सपने (लघुकथा)
Indu Singh
2930.*पूर्णिका*
2930.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गज़ल
गज़ल
सत्य कुमार प्रेमी
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सच्चे और ईमानदार लोगों को कभी ईमानदारी का सबुत नहीं देना पड़त
सच्चे और ईमानदार लोगों को कभी ईमानदारी का सबुत नहीं देना पड़त
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...