धर्म
ईश्वर सर्वोपरि हैं जिसनेइस समस्त ब्रम्हांड की रचना की प्रकृति और पुरूष का नियम जिससे संसार चल रहा है जिसकी शक्ति माँ हैं जो स्त्री स्वरूप हैं इसी से जीवन का क्रम चल रहा है यह संचारन ही वह तत्व है जो ईश्वर हैं बिना तत्त्व के संसार निर्जीव हो जाएगा अतः हम ईश्वर से अलग नही हो सकते हम शरीर हैं तो वो आत्मा हैं ।