धर्म की कहानियां//निजता की दुश्मन है !!!
शराब बे-आबरु करती है !
कौन नहीं जानता !
लेकिन धर्म के पाशों से जमाना !
क्यों हैं ?? अनभिज्ञ !!!
.
सोम-रस सुरा का पान करने वाले
किसी भी देव को दैत्य नहीं समझा गया !
सुर असुरों में कलह पुराना है !
वस्तुतः परम्परागत आज भी चढ़ावा
एवं प्रसाद चालू है !
.
उसी शराब का प्रयोग
एक जगह इज्जत बढ़ाता है !
दूसरे स्थानों पर बे-आबरु करती है !!
.
धर्म का प्रसाद !
जाति-व्यवस्था, वर्ण-विभाजन,
वर्ग की उत्पत्ति को यह धर्म-निरपेक्ष देश किस दृष्टिकोण से देखता है !
.
कट्टरता को सराहा गया/सम्मान मिला,श्रेय दिया गया !
धर्म में कट्टरता के कारण जो निजता के आकार और शक्ल को जो नुकसान पहुंचने वाला था सो
नानक गुरु, बुद्ध महात्मा, जैन महावीर, भक्ति आंदोलन के संतो ने पूर्व आभास से निजता की पहचान को नुकसान से बचाया !
.
अन्यथा मानवता वैयक्तिकता !
निजता का दुश्मन कट्टरपंथी !
माहौल ने !!!
सोने की चिड़िया को गुलामी की जंजीर से मुक्त नहीं होने दिया !!!
विशेष:-लेख का उद्देश्य किसी की
भावनाओं को आहट करना नहीं है !
नशे शराब तंबाकू आदि निजता और अध्यात्म के मार्ग में बाधक तत्व है !