धर्मपथ_अंक_जनवरी_2021
#धर्मपथ_अंक_जनवरी_2021
समीक्षक : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
धर्मपथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड थियोसॉफिकल सोसायटी द्वारा प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक पत्रिका है। इसका जनवरी 2021 का अंक ,अंक संख्या 41 है । संपादक डॉ शिव कुमार पांडेय, सह संपादक प्रीति तिवारी हैं। इस अंक में चार प्रमुख लेख प्रकाशित किए गए हैं ।
दायित्व बोध थियोसॉफिकल सोसायटी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष टिम बॉयड द्वारा लिखित है । इसके अनुवाद कर्ता हरिओम अग्रवाल ,रामपुर हैं। इसमें दायित्व के महत्व को समझाया गया है तथा उसके बृहद परिणामों पर प्रकाश डाला गया है।
ओम का वैज्ञानिक पक्ष डॉ अर्चना पांडेय द्वारा लिखित एक लेख है । इसमें यह निष्कर्ष निकाला गया है कि ओम के उच्चारण से शरीर और मन के स्तर पर अभूतपूर्व लाभ होते हैं । विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों के उदाहरण विद्वान लेखिका द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं ।
थिओसॉफी और विज्ञान की भावना प्रोफेसर पी. कृष्णा द्वारा लिखित एक ऐसा लेख है जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संसार का अध्ययन करते हुए धार्मिक भावनाओं के उदय पर प्रकाश डाला गया है तथा एक प्रकार से धर्म और विज्ञान दोनों का सामंजस्य थियोसॉफी के माध्यम से होता हुआ दर्शाया गया है । इसके अनुवादक भी रामपुर उत्तर प्रदेश निवासी हरिओम अग्रवाल हैं। इस तरह थियोसॉफिकल जगत में एक अनुवादक के नाते आपकी महत्वपूर्ण सेवाएं हैं।
पत्रिका का सर्वाधिक आकर्षण ध्यान : वैज्ञानिक और व्यावहारिक समझ नामक लेख है । इसमें ध्यान के विविध पहलुओं पर फेडरेशन के अध्यक्ष उमा शंकर पांडेय का एक लेख है । जे. कृष्णमूर्ति के माध्यम से लेखक ने ठीक ही कहा है कि ध्यान वास्तव में बहुत सरल होता है ,हम लोग उसके चारों तरफ विचारों का एक जाल बुनकर उसको उलझा देते हैं।
पत्रिका के अंत में थियोसॉफिकल सोसायटी के विभिन्न प्रादेशिक क्रियाकलापों तथा अध्ययन शिविरों का विवरण दिया गया है । पत्रिका उन सबके लिए उपयोगी है जो जीवन को खुली आँखों से देखने तथा खुले नजरिए से समझने में विश्वास करते हैं ।