Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2024 · 1 min read

धरा दिवाकर चंद्रमा

धरा दिवाकर चंद्रमा, निभा रहे है फर्ज ।
मानव तू क्यों कर हुआ,दुनिया प्रति खुदगर्ज।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
कवि रमेशराज
लौटेगी ना फिर कभी,
लौटेगी ना फिर कभी,
sushil sarna
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
Gaurav Sony
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
"दिल में झाँकिए"
Dr. Kishan tandon kranti
* राह चुनने का समय *
* राह चुनने का समय *
surenderpal vaidya
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
आर.एस. 'प्रीतम'
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुश्मन ने छल-बल के बूते अपनी शातिर चालों से,
दुश्मन ने छल-बल के बूते अपनी शातिर चालों से,
*प्रणय प्रभात*
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक तरफ मां के नाम पर,
एक तरफ मां के नाम पर,
नेताम आर सी
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
Neelofar Khan
ଏହା ସତ୍ୟ ଅଟେ
ଏହା ସତ୍ୟ ଅଟେ
Otteri Selvakumar
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
Ravi Prakash
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
आधुनिक घर की कहानी अजीब दौर है,इंसा दूर है, तकनीक पास है।।
आधुनिक घर की कहानी अजीब दौर है,इंसा दूर है, तकनीक पास है।।
पूर्वार्थ
3701.💐 *पूर्णिका* 💐
3701.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
लहजा
लहजा
Naushaba Suriya
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
आज का युवा कैसा हो?
आज का युवा कैसा हो?
Rachana
Now we have to introspect how expensive it was to change the
Now we have to introspect how expensive it was to change the
DrLakshman Jha Parimal
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
कहूँ तो कैसे कहूँ -
कहूँ तो कैसे कहूँ -
Dr Mukesh 'Aseemit'
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
Harinarayan Tanha
Loading...