——- धरती है बलिदान की—-
गांधी गौतम वीर शिवा की यह धरती प्यारी प्यारी।
भगत बोस सुखदेव के हम तो सदा रहेंगे आभारी।
धरती यह बलिदान की,
मेरे देश महान की —- धरती यहबलिदान की
मेरे देश महान की।।
(१) चित्तौड़ के राणा मतवाले सीख हमें यह देके गए।
मातृभूमि की रक्षा खातिर व्रत लेना है नित्य नए
लक्ष्मी बाई और अहिल्या,
खरी थी अपनी जबान की।।
धरती यह बलिदान की —-मेरे देश महान की।
(२) संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र जो हमें दिया।
सामाजिक समरसता हेतु ,जन-जन को अधिकार दिया।
प्रजातंत्र के ऐसे पुरोधा,
आरती उनके सोपान की।
धरती यह बलिदान की ——मेरे देश महान की ।।
राजेश व्यास अनुनय०९/०९/२० बुधवार
**अभी तक लिखी साहित्य पीडिया पर डाली समस्त रचनाएं मेरी स्वर लिखित है । इन रचनाओं को मैं एक गायकी के तौर पर गाता भी हूं**।।