धरती के भगवान
धरती के भगवान
प्रिय तुम धरती के भगवान,करना है बस तेरा गान।
करता तेरा नित सम्मान,बढ़े तुम्हारा निशिदिन मान।
तुम्हीं नित्य हो पावन प्रेम,मिलता तेरा अनुपम प्यार।
शिष्ट आचरण का ले सीख,मन करता है नित्य प्रचार।
बने दीखते हरदम धाम,तुम हो निर्मल अमृत धार।
तुम्हीं मित्र इक प्रति पल साथ,अनुपम तुम जीवन के सार।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।