धरती अम्बर एक हुए
नैन मिले जब नैनों से, चार नयन जब एक हुए।
मिली नज़र जब नज़रों से, सजल नयन जब एक हुए।।
स्वपन मिले स्वपनो से ऐंसे, स्वप्न हकीकत एक हुए।
मिले क़दम कदमों से ऐंसे, बन जीवनसाथी एक हुए।।
पल पल तरसे नयना बरसे, यादगार पल एक हुए।
मिले दिलों से दिल जब ऐंसे,वाग-वाग दिल एक हुए।।
नीर दुग्ध से मिल गया ऐंसे,सरिता सागर एक हुए।
मिला ‘कल्प’ कलि से ऐंसे, ज्यों धरती अंबर एक हुए।।