धमकी करे अनर्थ….. : छंद कुण्डलिया
धमकी अणुबम की हमें, जो हैं देते नित्य.
गिरेहबान वे झांककर, देखें खुद के कृत्य.
देखें खुद के कृत्य, मुल्क भूखा-नंगा क्यों?
आतंकी गलकाट, बने करते दंगा क्यों?
पढ़ लें पाक ‘कुरान’, जरूरत क्या है बम की,
शिक्षा करे सुधार, व्यर्थ है ऐसी धमकी..
जन्मे हो इस देश से, भूल गए क्यों आज?
भारतीय-जल, अन्न दे, संधि-सिन्धु पर नाज.
संधि-सिन्धु पर नाज, मान इससे खुशहाली.
समझौता हो रद्द, अगर अतिशय बदहाली.
और किया यदि क्रुद्ध, मीन सम तड़पो वन मे.
हम ही हैं माँ-बाप, जहाँ से हो तुम जन्मे..
पाकिस्तानी फ़ोजिया, समझदार है नार.
हाफ़िज उसकी कोशिशें, किन्तु करे बेकार.
किन्तु करे बेकार, युद्ध पर आमादा है.
मुहरा बने नवाज़, लांघ ली मर्यादा है.
आतंकी व्यवहार, सहें क्यों हिन्दुस्तानी?
धमकी करे अनर्थ, समझ लें पाकिस्तानी!!
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’
(ध्यातव्य : ‘महाभारत’ के मूल में धृतराष्ट्र व दुर्योधन ही थे)