धन
एक पेड़ मरता है
और,
रूठ जाते हैं बादल,
शोकाकुल/
सूख जाती है नदी,
पीड़ित/
दरकते हैं पहाड़ रुष्ट होकर
सहम जाती है हवा,
अलमस्त/
और उखड़ने लगती है हमारी साँस
फिर भी हम रहते हैं अनजान
कि,
पर्यावरण ही है,
हमारा सबसे अमूल्य धन
• निकी पुष्कर