धन तेरस: पाँच दोहे
धन तेरस: पाँच दोहे
// दिनेश एल० “जैहिंद”
कार्तिक कृष्ण त्रयोदश, धन तेरस कहलाय ।
हिंदु धरमावलम्बी हो, __ प्रसन्न इसे मनाय ।।
सोना, रजत अरु गहने, नई वस्तु खरीदाय ।
घर-परिवार लोग सबै, अति खुस हो जाय ।।
एक ऐसी है मान्यता, ___ धातु कोई घर आय ।
काकी-मातु-बहिन-भवै, कुछ-न-कुछ लेइ आय ।।
ठीक बाद दो दिन सबै, दीया-परब मनाय ।
लक्ष्मी-गनेस पूजैं, ___घर-घर खूब सजाय ।।
बताशे फूटै जिय में, ___ बच्चे करैं बहार ।
घन-तेरस के सँगवा,__ दिवाली के लहार ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद
12. 10. 2017