धन की अधिकता से.. जीवन आसान ज़रूर बनता है। पर अकसर लोग “आसान
धन की अधिकता से.. जीवन आसान ज़रूर बनता है। पर अकसर लोग “आसानी” को.. “समाधान” समझने की भूल कर देते है।
इसलिए कई बार ये देखने में आता है की धनी लोगों का जीवन आसान तो हो जाता है.. पर उनके पास समाधान दूर-दूर तक नहीं होता।
अतः हमें हमारा उद्देश्य साफ़ होना चाहिए।
क्या जीवन में समाधान पाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है? या की जीवन को केवल आसान बनाना।
“क्योंकि समाधानी व्यक्ति तो धनी भी हो सकता है.. परंतु केवल धन से कोई समाधानी नहीं हो पाता”।