* धन्य अयोध्याधाम है *
** गीत **
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भारत की यह धरा धन्य है, धन्य अयोध्याधाम हैं।
खूब दिवाली सभी मनाओ, आए प्रभु श्रीराम हैं।
छोटे छोटे शर तरकश में, धनुष लिए कर में सुन्दर।
अस्त्र शस्त्र सब छोटे छोटे, बाल रूप अति है सुखकर।
सबके प्यारे और सहारे, माता कौशल्या जिनकी।
अपने भक्तों के हितकारी, रहते आठों याम हैं।
खूब खेलते बाल सखा सब, अवधपुरी की गलियों में।
वीर वेश सबके मन भाए, रच बस जाता अखियों में।
रामलला के दर्शन पाकर, धन्य हुआ करता जीवन।
और सहजता से बन जाते, जग के सारे काम हैं।
था आक्रांताओं ने लूटा, भारत के हर मन्दिर को।
और किया महिमा का खण्डन, भंग किया पावनता को।
भीषण संघर्षों में हमने, हार नहीं मानी अरि से।
तभी विजय श्री तक पहुंचा यह, बहुत सुखद परिणाम है।
भव्य बना है मन्दिर देखो, लौटा है वैभव इसका।
अखिल विश्व में कहीं नहीं है, कोई भी सानी जिसका।
प्राण प्रतिष्ठा का शुभ अवसर, पूरी दुनिया देख रही।
शुभ्र सनातन धर्म ध्वजा यह, फहर रही अविराम है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य