धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
हो
तुम
अपने
अब दूर
नहीं रहते
कहते दिल की
हो बात मनोहर
सुन कर खुश है
हृदय सलोना
मन हरसे
तुझ पर
स्नेहिल
प्रिय
हो।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
धनुष वर्ण पिरामिड
हो
तुम
अपने
अब दूर
नहीं रहते
कहते दिल की
हो बात मनोहर
सुन कर खुश है
हृदय सलोना
मन हरसे
तुझ पर
स्नेहिल
प्रिय
हो।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।