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30 Jun 2024 · 1 min read

धनुष वर्ण पिरामिड

धनुष वर्ण पिरामिड

ये
अब
हुआ क्या
झगड़ता
मनुज मन
विवेकी नहीँ है
सदा धन्य निर्धन
कलुषित हृदय
में जहर घुल
गया है सुनो
विक्षिप्त सा
त्रस्त सा
सब्र
है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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