****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
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धनतेरस पर्व आ गया,धन का ले उपहार।
घर – घर धन बरखा हुई,लक्ष्मी का त्योहार।।
लोक तिजोरी पूजते,सोना रजत चढ़ाय।
सुख समृद्धि हैँ मांगते,मोदक भोग लगाय।।
झालर दीपक की जले,जग-मग हो दीवार।
रोशन हर घर दीप से ,दूर तमस आपार।।
धूम धाम से हैँ सजे,निलय गली बाजार।
कपड़े बरतन ले रहे, ख्वाब हुए साकार।।
मनसीरत माटी मिले , मोह माया ख़ुमार।
नूर विदुषण तम हरे,मुख पर आया निखार।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)