भइया
धड़क उठती है छाती
बल्लियों तक
भाई जब भी साथ हो
बाजुओं में बाहुबल
और गर्जना हर रोम में
जब भाई मेरे साथ हों
पिता सा कद है जिनका
मां सी ममता
दूजी नहीं, इनकी है समता
मान हैं अभिमान हैं
भाई मेरी शान हैं।
वीरता पर आपकी
जीवन मेरा कुर्बान है
रोशन है चेहरा आज मेरा
आपके ही तेज से
जुग जुग जियें भइया मेरे
हे प्रभु मुझे वरदान दो।