धक-धक करता है __घनाक्षरी
धक धक करता है जब भी यह दिल मेरा ।
तेरा ही तो चेहरा नजर मुझे आए री।।
सब कुछ छोड़ कर तेरे पीछे चला आऊं।
रंग रूप तेरा मुझे इतना तो भाए री।।
देख तुझे सुख पाऊं,दुख सारे भूल जाऊं।
प्रीत के तराने गाने दोनो मिल गाएं री।।
मेरे लिए बनी हे तू बना हूं मैं तेरे लिए।
रिश्ता यह अपना तो अमर बनाए री ।।
राजेश व्यास अनुनय