द्रोण की विवशता
द्रोण की विवशता
‘‘परन्तु क्यों सर मेरी नियुक्ति इस पद पर क्यों नहीं हो सकती ?’’ विश्वविद्यालयीन प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त अर्जुन ने पूछा।
‘‘बेटा मैं मजबूर हूँ। यह पद आरक्षित श्रेणी के लिये है।’’ कुलपति द्रोणाचार्य ने अपनी विवशता बतायी।
– डाॅ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़