जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
मैं उम्मीद ही नहीं रखता हूँ
वो पहली नज़र का प्यार भी क्या प्यार था,
लाइफ have no script live it ।every लम्हे को
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।
रास्ते और राह ही तो होते है
बूढ़ा हो बच्चा हो या , कोई कहीं जवान ।
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
'निशात' बाग का सेव (लघुकथा)
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
ज़िन्दगी में कभी कोई रुह तक आप के पहुँच गया हो तो