Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2017 · 1 min read

दो सच्चा पैगाम

अनुशासन मे कीजिए,करना है जो काम!
देना जब भी आपको,…दो सच्चा पैगाम! !

करो न ऐसे कृत्य जो , हो जाओ बदनाम !
जीवन के हर मोड पर,…दो सच्चा पैगाम! !

नही जरूरी आपको, मिले मित्र ईनाम!
देना है जब भी मगर ,दो सच्चा पैगाम!!

नही सोचना ये कभी , क्या होगा अंजाम!
चल कर अच्छी राह पर,दो सच्चा पैगाम!!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 638 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#लघुकथा / #गुस्सा
#लघुकथा / #गुस्सा
*Author प्रणय प्रभात*
तकते थे हम चांद सितारे
तकते थे हम चांद सितारे
Suryakant Dwivedi
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
रात
रात
SHAMA PARVEEN
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गांव की बात निराली
गांव की बात निराली
जगदीश लववंशी
मौत का क्या भरोसा
मौत का क्या भरोसा
Ram Krishan Rastogi
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरा दुश्मन मेरा मन
मेरा दुश्मन मेरा मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Keep this in your mind:
Keep this in your mind:
पूर्वार्थ
रंगों का कोई धर्म नहीं होता होली हमें यही सिखाती है ..
रंगों का कोई धर्म नहीं होता होली हमें यही सिखाती है ..
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तू भी तो
तू भी तो
gurudeenverma198
गले से लगा ले मुझे प्यार से
गले से लगा ले मुझे प्यार से
Basant Bhagawan Roy
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
अधरों को अपने
अधरों को अपने
Dr. Meenakshi Sharma
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
आज हालत है कैसी ये संसार की।
आज हालत है कैसी ये संसार की।
सत्य कुमार प्रेमी
2499.पूर्णिका
2499.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Santosh Shrivastava
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
DrLakshman Jha Parimal
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरे अंशुल तुझ बिन.....
मेरे अंशुल तुझ बिन.....
Santosh Soni
"चाहत का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
manjula chauhan
Loading...