दो शेर
1.Brandavan Bairagi: मेरा अंदाज़ फकीराना पर दिल में बादशाहत है।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
2.Brandavan Bairagi: बहुत रोया हूँ अपनों के लिये मैं,क्या करूं लोगों से मेरी खामोशियाँ पढ़ी नही जाती।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
1.Brandavan Bairagi: मेरा अंदाज़ फकीराना पर दिल में बादशाहत है।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
2.Brandavan Bairagi: बहुत रोया हूँ अपनों के लिये मैं,क्या करूं लोगों से मेरी खामोशियाँ पढ़ी नही जाती।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”