दो शेर
वो मेरा इम्तिहान लेता है
सब्र भी मेरी जान लेता है
सब उसे देखते हैं हसरत से
जब परिंदा उडान लेता है
इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद
वो मेरा इम्तिहान लेता है
सब्र भी मेरी जान लेता है
सब उसे देखते हैं हसरत से
जब परिंदा उडान लेता है
इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद