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*प्रणय*
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1 Jul 2023 · 1 min read
दो शरण
दो शरण
करो भरण
भोगों क्षरण
यानि मरण ही मरण।
●मिसाल-फ्रांस●
■प्रणय प्रभात■
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*प्रणय*
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