दो मुक्तक : 30 दिसंबर 1943
दो मुक्तक : 30 दिसंबर 1943
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(1)
सन् तैतालिस तीस दिसंबर वर्ष एक युग बीते
याद करो इतिहास पुरातन जिससे अब तक रीते
अंडमान में नेताजी ने झंडा फहराया था
अंग्रेजों से युद्ध हिंद के फौजी इस दिन जीते
(2)
कालकोठरी कालेपानी की किसके मन भाई
कहो वीर सावरकर की छवि किसमें रही समाई
ध्यानावस्थित भाव-भंगिमा किसकी सबने पाई
धन्य-धन्य जिसमें वीरों की फिर दिखती तरुणाई
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451