Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Godambari Negi Pundir
31 Followers
Follow
Report this post
30 May 2022 · 1 min read
‘दो बोल’
कभी तो इन खामोश, लबों को खोला करो।
नफ़रतों के ही सही, दो बोल बोला करो।
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
173 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
Neelofar Khan
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
पुरखों के गांव
Mohan Pandey
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
लवकुश यादव "अज़ल"
सपने हो जाएंगे साकार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
ऋतु बसंत
Karuna Goswami
ये साल भी इतना FAST गुजरा की
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*पृथ्वी दिवस*
Madhu Shah
जिनको तुम जीवन में सफल देखते हो, ये वही लोग है जो प्रेम के ब
पूर्वार्थ
तारे बुझ गये फिर भी
अर्चना मुकेश मेहता
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
26. ज़ाया
Rajeev Dutta
ସଦାଚାର
Bidyadhar Mantry
जीवन को जीवन की तरह ही मह्त्व दे,
रुपेश कुमार
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
सत्य कुमार प्रेमी
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
4131.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
।।
*प्रणय*
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी har student ki dard bhari kahani guptratn ki zubani
गुप्तरत्न
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
Loading...