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27 Sep 2024 · 1 min read

दो पल की ज़िन्दगी में,

दो पल की ज़िन्दगी में,
सांसों का बोझ रखते हैं,
किस क़दर सोच में लोग
इख़्तिलाफ़ रखते हैं ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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