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27 Aug 2022 · 1 min read

दो पँक्ति दिल की कलम से

सीने से लगा लूँगा जब भी आवोगे मेरे पास
ईश्वर से करता हूँ तेरे लौट आने का अरदास

©® प्रेमयाद कुमार नवीन

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