दो दोहे
जात-पात मत पूछिए, क्यों पूछें हैं नाम।
मंदिर, मस्जिद सब जगह, करते हैं ये काम।।
रातों दिन हैं चल रहे, रहे धरा को नाप।
मजदूरों की बेबसी, क्यों ना समझें आप।।
जटाशंकर”जटा”
१९-०५-२०२०
जात-पात मत पूछिए, क्यों पूछें हैं नाम।
मंदिर, मस्जिद सब जगह, करते हैं ये काम।।
रातों दिन हैं चल रहे, रहे धरा को नाप।
मजदूरों की बेबसी, क्यों ना समझें आप।।
जटाशंकर”जटा”
१९-०५-२०२०