दो दोस्त – कहानी
दो दोस्त – कहानी
एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे विमल और राज | दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर में किसी प्रकार के संसाधनों की कोई कमी नहीं थी | उनके बच्चे भी एक दूसरे से एक भी दिन मिले बिना और खेले बिना नहीं रहते थे और वे एक दूसरे की पढ़ाई में भी मदद किया करते थे | दोनों दोस्त विमल और राज एक ही कंपनी में काम करते थे जो कि गाँव से थोड़ा दूर पर स्थित थी | दोनों परिवार के सदस्यों में बहुत ही ज्यादा प्रेम था | एक दूसरे की परेशानियों का उन्हें भान था | थोड़ी बहुत जमीन भी थी जिस पर दैनिक आवश्यकता की चीजें उगाया करते थे |
आसपास के सभी लोग इनकी दोस्ती की मिसालें दिया करते थे | विमल गाँव में ही जमीन खरीद रहा है जिसकी जानकारी राज को भी है और वह बहुत खुश भी है कि उसका दोस्त जमीन खरीद रहा है | जमीन की रजिस्ट्री का दिन करीब है और राज कहता है कि मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा क्योंकि इतने सारे पैसे अकेले ले जाना परेशानी का सबब हो सकता है | विमल हाँ कर देता है | किन्तु जिस दिन विमल को तहसील जाना होता है ठीक एक दिन पहले विमल फ़ोन पर राज को साथ ले जाने से मना कर देता है | राज को समझ नहीं आता कि उसका सबसे अच्छा दोस्त ऐसा क्यों कर रहा है | राज को बुरा तो लगता है पर वह कुछ कहता नहीं |
रजिस्ट्री के दिन विमल अपने साथ पांच लाख रुपये लेकर घर से तहसील के लिए अकेले ही रवाना होता है | रास्ते में घात लगाकर बैठे दो लुटेरे विमल पर हमला कर देते हैं और पैसे छीनने की कोशिश करते हैं | इसी बीच राज आकर विमल को उन लुटेरों से बचा लेता है | विमल को समझ नहीं आ रहा था कि उसका दोस्त राज अचानक कैसे उसे बचाने के लिए आ गया | जबकि उसने तो उसे अपने साथ आने से मना कर दिया था | विमल को अपने किये पर बहुत पश्चाताप होता है और राज के इस उत्तम कृत्य के लिए वह उसे शुक्रिया कहता है |
राज न चाहकर भी विमल से पूछ बैठता है कि आखिर उसके दोस्त ने उसे तहसील आने के लिए मना क्यों किया | तब विमल कहता है कि दो दिन पहले उसने घर पर रखी एक पत्रिका में एक कहानी पढ़ी जिसमें एक दोस्त पैसों के लालच में दूसरे दोस्त की हत्या कर देता है | इस कहानी का मुझ पर इतना गहरा असर क्यों हुआ मुझे पता नहीं | और मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त पर शक कर बैठा |
तब राज कहता है कि जो कहानी तुमने पढ़ी वैसी ही एक कहानी मैंने भी कल ही पढ़ी जिसका नाम था “ दो दोस्त “ जिसमें एक दोस्त अपने दोस्त की जान बचाने के लिए खुद की जान पर खेल जाता है | पर अपने दोस्त पर आंच नहीं आने देता | अब तुम्हीं बताओ मेरे दोस्त मैं तुम्हें मुसीबत में कैसे देख सकता हूँ | हम दोनों अच्छे दोस्त हैं और आगे भी रहेंगे |
विमल अपने दोस्त राज को गले लगा लेता है और फूट – फूटकर रोने लगता है | राज , विमल को सांत्वना देता है | दोनों तहसील की ओर चल देते हैं |
मौलिक कहानी
सर्व अधिकार सुरक्षित
अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “