Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 2 min read

दो दोस्त – एक शिक्षाप्रद कहानी

दो पक्के दोस्त कहीं जा रहे थे..सब कुछ अच्छे से चल रहा था..रास्ते में एक बाधा आती है नदी के रूप में..दोनों में से एक को तैरना नहीं आता था..दूसरे को थोड़ा बहुत तैरना आता था..तैराकी जानने वाले दोस्त ने दूसरे दोस्त को अपने विश्वास में लिया और चल पड़ा दोस्त का हाथ पकड़कर नदी की ओर…बीच रास्ते में एक भँवर आया और तैराक दोस्त घबरा गया और अपने डूबते दोस्त को वहीं छोड़कर भाग खड़ा हुआ…डूबता दोस्त “बचाओ बचाओ” चिल्लाता रहा..आखिरकार डूबने से तो बच गया..किसी ने डूबने से बचा लिया था।शरीर के जख्म तो कुछ दिन में ठीक हो गये लेकिन मन के घाव कभी ठीक नहीं हो पाये क्योंकि जिस दोस्त पर वो इतना विश्वास करता था वो बीच भँवर में छोड़कर भाग गया था।उसने तो अपने दोस्त की गलती को माफ़ कर दिया था लेकिन उसके दोस्त ने उससे अपने स्वभाव के लिये माफ़ी कभी नहीं माँगी। इसके विपरीत ज़िंदगी भर उसे ही दोषी ठहराता रहा कि “तुम्हें ही ठीक से तैरना नहीं आता था”. दूसरा दोस्त उसे हमेशा उसकी गलतियों के लिये माफ़ करता रहा और अपने निस्वार्थ प्रेम की दुहाई देता रहा लेकिन जहाँ गहरा विश्वास नहीं होता वहां इन बेकार शब्दों के कोई मायने नहीं होते..जहाँ मतलब होता है वहाँ दोस्ती कैसे हो सकती है़?
आखिरकार दोस्त ने आहत होकर अपने दोस्त से दूर जाने में ही भलाई समझी..यही सोचते हुए कि “सच्चा रिश्ता हमेशा दिलों में ज़िन्दा रहता है,दिल में सम्मान होना चाहिए..कभी तो समझ आयेगी..मेरे कर्म मेरे सामने, उसके कर्म उसके सामने”..हमेशा हमेशा के लिये अपने दोस्त से दूरी बना ली। तैराक दोस्त ने अपने स्वार्थ और संकीर्ण सोच के चलते अपनी एक सच्ची दोस्ती का गला हमेशा के लिये घोंट दिया था.

कहानी से शिक्षा :- कभी किसी की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए..शरीर की अपेक्षा मन के घाव बहुत गहरे होते हैं..अक्सर हम अपने सच्चे रिश्ते स्वार्थवश ऐसे ही खो देते हैं. गलती होने पर जो इंसान उसे सुधारने का कोई प्रयास नहीं करता..अपनी गलतियों के लिये कभी माफ़ी नहीं मांगता..किसी की अच्छाई को हमेशा बेवकूफ़ी समझता रहे ऐसा इंसान कभी किसी की सच्ची दोस्ती के लायक तो क्या वो कभी अपना भी सच्चा दोस्त नहीं बन सकता..कितना भी खुश रहने का दिखावा क्यों न करे..कभी खुश नहीं रह सकता..क्योंकि अंधेरा अंधेरा ही होता है..अंधेरा कभी उजाले में रह सकता है क्या ?
✍️अनुजा कौशिक

6 Likes · 4 Comments · 472 Views

You may also like these posts

दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
मातम-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत
मातम-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत
Johnny Ahmed 'क़ैस'
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
bharat gehlot
Nobility
Nobility
Sanjay Narayan
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा "ज़
*प्रणय*
हमने माना
हमने माना
SHAMA PARVEEN
दुनिया  के सब रहस्यों के पार है पिता
दुनिया के सब रहस्यों के पार है पिता
पूर्वार्थ
मुझे तुम
मुझे तुम
Dr fauzia Naseem shad
सच्ची मोहब्बत न सरहद को देखती है न मजहब को न ही जाति,वर्ग और
सच्ची मोहब्बत न सरहद को देखती है न मजहब को न ही जाति,वर्ग और
Rj Anand Prajapati
कुछ तो कर गुजरने का
कुछ तो कर गुजरने का
डॉ. दीपक बवेजा
अन्हारे अन्हार,देसे देस
अन्हारे अन्हार,देसे देस
श्रीहर्ष आचार्य
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
** अब मिटाओ दूरियां **
** अब मिटाओ दूरियां **
surenderpal vaidya
राष्ट्रपिता
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वसंत
वसंत
Madhavi Srivastava
THOUGHT
THOUGHT
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
Ranjeet kumar patre
दोहा 🌹💖
दोहा 🌹💖
Neelofar Khan
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
डॉक्टर रागिनी
शीर्षक - स्वप्न
शीर्षक - स्वप्न
Neeraj Agarwal
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
रखिए धीरज
रखिए धीरज
अरशद रसूल बदायूंनी
अमर ...
अमर ...
sushil sarna
2675.*पूर्णिका*
2675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बलदेव छठ
बलदेव छठ
Mahesh Jain 'Jyoti'
"छिन्दवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
Loading...