दो दोस्तों की कहानि
अमित और रोहित दो अच्छे दोस्त थे जो अपने बचपन के दिनों से साथ खेलते थे। वे एक दूसरे के जैसे थे, जो हमेशा एक दूसरे का साथ निभाते थे। एक दिन वे दोनों एक साथ घूमने गए। रास्ते में उन्होंने एक अजीब सी जगह देखी जहां एक पुरानी कुएं के आसपास जंगल था। अमित को उस जगह में कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था, लेकिन रोहित ने उसे इस बारे में चिंता करने से रोक दिया और उन्होंने वहां से निकलने का फैसला किया।
अगले दिन से, अमित को नींद नहीं आ रही थी। उसे उस अजीब स्थान के बारे में बार-बार सपने आने लगे। उसे लगता था कि उस स्थान पर कुछ बुरा होने वाला है, लेकिन वह रोहित को इस बारे में बताने से डर रहा था।
एक दिन, अमित को उस स्थान के बारे में एक खबर मिली। उस स्थान में एक लाश मिली थी जिसे अभी तक पहचान नहीं पाई गई थी। अमित को बहुत डर लग रहा था कि वह अपनी अंतिम खबर से जुड़ा हुआ है। उसने रोहित को फोन करके अपनी चिंता बताई लेकिन रोहित ने उसे समझाया कि वह फिक्र न करे और बस घबराता हुआ सोचना बंद करे।
अमित को फिर से वह स्थान देखने की इच्छा हुई। वह रोहित के साथ फिर से उस जगह पर गया। जैसे ही वे वहां पहुँचे, वह एक खौफनाक दृश्य देखा। वहां कुछ लोग थे जो उन्हें देखकर लुके हुए थे।
जब अमित उनसे पूछा कि क्या हुआ है, तब उन्होंने उन्हें बताया कि एक व्यक्ति ने यहां एक बहुत बड़ी चोरी की है और वे सब यहां उस चोर को ढूंढने आए हैं।
अमित को समझ में आया कि वह अपनी चिंता से बेकार थी और उसका स्नेह सच्चा था। वह अपने दोस्त रोहित के बारे में सोचता था कि उसने उसकी चिंता को ठीक करने में मदद की थी।
उस दिन से अमित का सच्चा स्नेह और दोस्ती का महत्व समझ में आ गया |वह रोहित के पास गया और उससे माफी मांगने लगा कि उसने उसकी चिंता को अस्थायी रूप से दूर कर दिया था। रोहित ने उसे गले लगाया और कहा कि दोस्ती में कोई गलती नहीं होती, उसने अपने दोस्त की चिंता करने में सही किया था।
अमित और रोहित अपनी दोस्ती का महत्व समझ गए और वे अब दोनों एक दूसरे के लिए हमेशा उपलब्ध थे। उनकी दोस्ती अब और भी मजबूत हो गई थी।
इस घटना से अमित ने सीखा कि दोस्तों का साथ हमेशा जरूरी होता है। जितना समय हम दोस्तों के साथ बिताते हैं, उतना ही उनसे सीखते हैं और उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाते हैं।