दो चार अल्फाज़।
दो चार अल्फाज़ क्या पढ़ लिए।
खुदको तुम आलिम समझ लिए।।
थोड़ी सी बात क्या की दीन पर।
तुम्हारी पेशानी पर बल पड़ गए।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
दो चार अल्फाज़ क्या पढ़ लिए।
खुदको तुम आलिम समझ लिए।।
थोड़ी सी बात क्या की दीन पर।
तुम्हारी पेशानी पर बल पड़ गए।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️