दोहे
निंदक नियरे राखिये, घुन से रहिये दूर।
निंदक है अपमार्जक, घुन घातक भरपूर।।
अरविंद राजपूत ‘कल्प’
ईश्वर अल्लाह एक है, जिसकी हम संतान।
जाति धर्म पर जो लड़े, वो नाही इंसान।।
✍?अरविंद राजपूत ‘कल्प’
निंदक नियरे राखिये, घुन से रहिये दूर।
निंदक है अपमार्जक, घुन घातक भरपूर।।
अरविंद राजपूत ‘कल्प’
ईश्वर अल्लाह एक है, जिसकी हम संतान।
जाति धर्म पर जो लड़े, वो नाही इंसान।।
✍?अरविंद राजपूत ‘कल्प’