दोहे
सृजन शब्द:राधिका
रूप मोहनी राधिका, ह्रदय मोहना वास ।
मधुर बाँसुरी बाजती, करें गोपियाँ रास।।
हुई राधिका बावरी, सुने बाँसुरी गीत ।
कृष्ण साँवरा खोजती, नैन ढूंढते प्रीत ।।
श्याम साधिका राधिका, प्रेम रोशनी रंग।
करे साँवरा कामना, भानु नंदिनी संग ।।
करे साधना राधिका, कृष्ण बोलती नाम।
बजे मोहनी बाँसुरी, सभी छोड़ती काम ।।
करे राधिका प्रार्थना, रहूँ साँवरे संग ।
सदा पूजती साधिका, भक्ति भावना रंग ।।
सीमा शर्मा