दोहे
सृजन शब्द:बाँसुरी
मधुर बाँसुरी बाजती, करे राधिका रास ।
बजे रागिनी मोहनी, बनी गोपियाँ दास ।।
अधर बाँसुरी साजती, ह्रदय मोहती तान ।
राग माधुरी गूँजती , बजे रेशमी गान ।।
बजे पाँव में पैंजनी, अधर बांसुरी धार ।
देख सखी री साँवरा,रूप डालता मार ।।
बजा मोहना बाँसुरी , छेड़ सोहने गीत।
देख नाचती गोपियाँ, हुई बावरी प्रीत ।।
सीमा शर्मा