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28 Sep 2024 · 1 min read

दोहे

सृजन शब्द-पधारो

मात पधारो भवन में, आन विराजो धाम ।
विनय हमारी आप से, सकल सँवारो काम ।।

मात पधारो ह्रदय में,सकल बुराई त्याग ।
तुम्हीं सहारा बन रहो, सदा जगाना भाग ।।

आस पुजाना भाव से, भक्ति दिलाना दान ।
करू चढ़ाई भवन की, दर्श कराना आन ।

देख सजाया थाल है, माथ सजाऊँ ताज ।
दीप जलाऊं भाव से, द्वार पधारो आज ।।

रूप भवानी का सजे, चुनर सजाई लाल ।
आज पधारो द्वार माॅं, तिलक लगाए भाल ।।

सीमा शर्मा

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