दोहे
सृजन शब्द-पधारो
मात पधारो भवन में, आन विराजो धाम ।
विनय हमारी आप से, सकल सँवारो काम ।।
मात पधारो ह्रदय में,सकल बुराई त्याग ।
तुम्हीं सहारा बन रहो, सदा जगाना भाग ।।
आस पुजाना भाव से, भक्ति दिलाना दान ।
करू चढ़ाई भवन की, दर्श कराना आन ।
देख सजाया थाल है, माथ सजाऊँ ताज ।
दीप जलाऊं भाव से, द्वार पधारो आज ।।
रूप भवानी का सजे, चुनर सजाई लाल ।
आज पधारो द्वार माॅं, तिलक लगाए भाल ।।
सीमा शर्मा