दोहे
कुहरा ओढ़े आ गई,फिर सर्दी इस साल।
ठिठके राही देखकर,बहुत बुरा है हाल।।1
—
आँखों से मिल कह रही,उड़ राहों धूल।
तुम्हें कष्ट दूँगी नहीं,कर लो प्यार कबूल।।2
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कुहरा ओढ़े आ गई,फिर सर्दी इस साल।
ठिठके राही देखकर,बहुत बुरा है हाल।।1
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आँखों से मिल कह रही,उड़ राहों धूल।
तुम्हें कष्ट दूँगी नहीं,कर लो प्यार कबूल।।2
डाॅ. बिपिन पाण्डेय