दोहे
रखती उनको याद है,सदियों तक तारीख।
जो निज वाणी, कर्म से ,देते सुन्दर सीख।।1
क्रूर कुचाली काल से ,है बस एक सवाल।
गम देकर भी क्यों तुझे,होता नहीं मलाल।।2
जबसे माँगेलाल की,बिटिया हुई जवान।
बूढ़ा बनिया दे रहा ,नित उधार सामान।।3
जब करते थे नौकरी,घर के थे मुख्तार।
हुए रिटायर हो गए ,तब से चौकीदार।।4
डाॅ बिपिन पाण्डेय