दोहे
अपना यही विचार है, खूब करो आराम।
सबके ही आ राम जी,सदा बनाएँ काम।।1
गंगाजल ले हाथ में ,खाई थी सौगंध।
आए दुर्दिन चल दिए,तोड़ सभी संबंध।।2
भाग्य बदलता है नहीं,कभी पहनकर रत्न।
होता है वह ही सफल,जो करता है यत्न।।3
डाॅ बिपिन पाण्डेय