दोहे
दिल सम्हाल कर राखिए,ना जाये यह टूट।
दिल बिन प्रेम में ना उपजै,प्रेम बिन सब सून॥
तन मन बाबरौ भयो,देख तेरी सरलताई।
आगे आगे क्या होतहै,जै तुझे समझाई॥
फूक फूक पग राखिए,बड़ा विकट काल।
जो ना सभाले आपनो,वही होवे हलाल ॥
देख जगत की कुटिलता,पडा पड़ा थर्राए।
डूब मर चुल्लु जल में,जब काज ना हो पाए॥
रूखी सूखी खाईए,देख ना चूपडी ललचाए।
बाल ना बाका छोड़िए ,सिर ऊपर पानी आए॥
देख चेहरे की मुसकान,कमलिनी भी लजाए।
धीरे धीरे हिय बस आए,कितकू ना जाने पाए॥
दो बूँद प्रेम जल पीवत,जीवन सफल कर जाए ।
प्रेम महिमा गावत अनन्त,जीवन सफल हो जाए॥