दोहे
दोहे
देख अँधेरा मत करें,व्यक्त कभी भी शोक।
आवागमन प्रकाश का,कौन सका है रोक।।1
शौर्य धैर्य रणनीति का,अगर नहीं हो संग।
कोई भी जीता कहाँ, जज़्बातों से जंग।।2
वे अपने होते नहीं ,जिनके मन में बैर।
विषदंतों से काटते,जग में केवल गैर।।3
डाॅ बिपिन पाण्डेय