Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2022 · 1 min read

दोहे

है व्यवस्था इंसानी निसर्ग को गये भूल
बोये पेड़ बबूल के पैदा होंगे लेकर शूल
.
संविदा इजाजत देता नहीं वोट में हो खोट,
एक गुप्त मतदान कारणे,करे गहरी चोट,
.
लौटा दो
वो बुरे दिन
पास रखें अपने
ये अच्छे दिन.

तलाशी गई है जेबें
खुलवाये बचत-खाते
मालूम हुआ,
वे भी है खाते

हाथ है खाली
कैसे मने दिवाली
मूख दर्शक बने सवाली
लेते सबसे देखों दलाली

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 178 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*प्रणय*
मोबाइल
मोबाइल
Dr Archana Gupta
Tu chahe to mai muskurau
Tu chahe to mai muskurau
HEBA
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
Rj Anand Prajapati
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
माँ का प्यार है अनमोल
माँ का प्यार है अनमोल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
वासुदेव
वासुदेव
Bodhisatva kastooriya
*चंदा (बाल कविता)*
*चंदा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
Phool gufran
भूमि दिवस
भूमि दिवस
SATPAL CHAUHAN
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
शिव प्रताप लोधी
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे,
चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे,
Ajit Kumar "Karn"
चल पनघट की ओर सखी।
चल पनघट की ओर सखी।
Anil Mishra Prahari
समुन्दर को हुआ गुरुर,
समुन्दर को हुआ गुरुर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन संगिनी
जीवन संगिनी
जगदीश लववंशी
कब तक छुपाकर रखोगे मेरे नाम को
कब तक छुपाकर रखोगे मेरे नाम को
Manoj Mahato
ये जो मुझे अच्छा कहते है, तभी तक कहते है,
ये जो मुझे अच्छा कहते है, तभी तक कहते है,
ओसमणी साहू 'ओश'
विजया घनाक्षरी
विजया घनाक्षरी
Godambari Negi
"अन्धेरे के आशियाने"
Dr. Kishan tandon kranti
परीक्षाओं में असफल हुए पुरुष
परीक्षाओं में असफल हुए पुरुष
पूर्वार्थ
पतंग
पतंग
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
"" *बसंत बहार* ""
सुनीलानंद महंत
Loading...