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9 Nov 2021 · 1 min read

दोहे

विषय-“माँग रही वरदान”

माँ गौरी सुखदायिनी, माँग रही वरदान।
सदा सुहागन मैं रहूँ, मिले सजन को मान।।

माँग रही वरदान ये, रखना अमर सुहाग।
जीवन भर मिलता रहे, प्रियतम का अनुराग।।

माँग रही वरदान माँ, कर सोलह शृंगार।
दमके कुमकुम लालिमा, सुखी रहे संसार।।

पूर्ण कामना कीजिए, माँग रही वरदान।
सुख-संतति दोनों मिलें,सुनिए कृपा निधान।।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 502 Views
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