दोहे
दो दोहे…..
हस्त लकीरों ने दिया, कर्मशील का साथ |
नहीं सदा बैठे रहें, धरे हाथ पर हाथ ||
कर्म भाग्य के खेल में, मिले कर्म को जीत |
भाग्य भरोसे जो रहा, हरदम हारा मीत ||
@ बी०एल०तोन्दवाल
दो दोहे…..
हस्त लकीरों ने दिया, कर्मशील का साथ |
नहीं सदा बैठे रहें, धरे हाथ पर हाथ ||
कर्म भाग्य के खेल में, मिले कर्म को जीत |
भाग्य भरोसे जो रहा, हरदम हारा मीत ||
@ बी०एल०तोन्दवाल