दोहे
?
!!श्रीं!!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
?
शारदा
?
वाणी विद्या ज्ञान की, हैं जो देवी खान ।
सरस्वती शुभ नाम है , करतीं बुद्धि प्रदान ।।
?
जितनी हैं विद्या सभी, उनके ही हैं रूप ।
कविता की देवी वहीं, धारैं रूप अनूप ।।
?
व्याख्या बोध स्वरूप वे, वाणी , ज्ञान , विवेक ।
ग्रंथकारिणी शक्ति हैं , भाव भरें अतिरेक ।।
?
वीणा पुस्तक धारिणी , कुन्द कुमुद सम रूप ।
ताल वही संगीत वे , स्वर की देवि अनूप ।।
?
तपोमयी तप प्रिय उन्हें , सिद्धि प्रदाता जान ।
जीव लगे उनके बिना , जीवित मृतक समान ।।
०००
राधे…राधे…!
?
महेश जैन ‘ज्योति’ , मथुरा ।
***
???