दोहे….
विधा-दोहा लेखन*
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माँ
भोली सूरत मात की,मीठे मीठे बोल।
नेह भरी मूरत प्यारी, है जग में अनमोल।।
पिता
पुरा जीवन रीत गया, सुत का हो कल्याण।
भाव मन में दबे रहे, है पिता अति महान।।
बोल
हर्षित हो मन आपका, बोले ऐसे बोल।
बाहर निकले होठ से, उससे पहले तोल।।
रेखा कापसे होशंगाबाद मप्र