दोहे
समय बहुत बलवान है समय बहुत अमोल।
मन का आपा खोय के बोल ना कड़वे बोल।
जो सबको शीतल करें वो मीठी वाणी बोल।
चढ़ सीढ़ी आप ना दूजा छोटा होय।
इक दिन सब का आवे है है यू्ँ मद में तू ना खोय।
मन मंदिर में राखिये प्रेम छवि बसाय।
क्षणभंगुर ये काया तेरी कब साया बन जाय।