देवी माँ के नौ दोहे
देवी भक्तों को मिले, ममता भरा प्रसाद
माँ के नवरात्रे बने, श्रद्धा आशीर्वाद
माँ दुर्गा की साधना, ममता की तस्वीर
क्षणभर में बदले यहाँ, भक्तों की तक़दीर
देवी की आराधना, भक्तजनों को भाय
माँ के चरणों में सदा, दुःख-संकट टल जाय
माता रानी एक है, बेशक रूप अनेक
इन रूपों को पूजकर, भक्त बने सब नेक
हे जगदम्बे माँ मुझे, दे ऐसा वरदान
मेरी ये जिव्हा करे, तेरा ही गुणगान
जग जननी दुर्गा सदा, सिर पे धरना हाथ
विपदाओं में जब घिरे, रहना मेरे साथ
माँ को निशदिन पूजिये, हो ममता संचार
खूब बढ़ेगा आपका, प्रेम भरा व्यवहार
लाल वस्त्र, सिंह वाहिनी, माँ दुर्गे का रूप
शक्ति-भक्ति से पूर्ण है, पूजा के अनुरूप
आप सदा प्रसन्न रहें, यह भक्ति का प्रताप
देवी के नौ रूप हैं, करते रहिये जाप
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